Best Visit Place In 2025 - सांवलिया सेठ जी यात्रा गाइड: जनवरी 2025

सांवलिया सेठ जी यात्रा गाइड: जनवरी 2025



सांवलिया सेठ का इतिहास और रोचक तथ्य

सांवलिया सेठ का इतिहास


सांवलिया सेठ भगवान श्रीकृष्ण के रूप में पूजित एक दिव्य प्रतिमा हैं, जिनका मुख्य मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। यह मंदिर भदेसर तहसील के मण्डफिया गांव में बना हुआ है।


1. प्रतिमा की खोज:

सांवलिया सेठ की प्रतिमा की खोज 1840 के आसपास हुई थी। एक ग्वाले को स्वप्न में भगवान कृष्ण ने दर्शन दिए और कहा कि उनकी मूर्ति जमीन के नीचे दबी हुई है। ग्वाले ने गांववालों को यह बात बताई, और खुदाई के दौरान यह दिव्य प्रतिमा प्राप्त हुई।


2. मंदिर निर्माण:

प्रतिमा मिलने के बाद, भक्तों ने मिलकर मण्डफिया में भव्य मंदिर का निर्माण कराया। इसे राजस्थान का "श्रीनाथजी" भी कहा जाता है।


3. सांवलिया सेठ का नाम:

भगवान कृष्ण के सांवले रूप के कारण इन्हें "सांवलिया सेठ" कहा जाता है। सेठ के रूप में इन्हें धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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सांवलिया सेठ के रोचक तथ्य


1. व्यापारियों के भगवान:

सांवलिया सेठ को व्यापारियों का भगवान कहा जाता है। व्यापारी अपनी सफलता के लिए यहां पूजा-अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि यहां मांगी गई मुरादें पूरी होती हैं।


2. दस गुना वापसी का विश्वास:

यह मान्यता है कि जो भक्त सांवलिया सेठ के चरणों में कुछ धन चढ़ाते हैं, उन्हें उसका दस गुना धन प्राप्त होता है।


3. दर्शनों के तीन मुख्य मंदिर:

चित्तौड़गढ़ जिले में सांवलिया सेठ के तीन मुख्य मंदिर हैं - मण्डफिया, भदेसर, और चंदेरिया। इन तीनों मंदिरों को सांवलिया जी के त्रिकोण के रूप में देखा जाता है।


4. दान का केंद्र:

मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाया गया धन और गहने हर साल बड़ी संख्या में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए उपयोग किए जाते हैं।


5. सांवलिया सेठ का खजाना:

यह कहा जाता है कि मंदिर में हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है। इसे राजस्थान के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है।


6. दिव्य रथ यात्रा:

सांवलिया सेठ की दिव्य रथ यात्रा हर साल बड़े धूमधाम से निकाली जाती है। इसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।


7. मनोकामना पूर्ण मंदिर:

भक्त सांवलिया सेठ के सामने अपनी मनोकामना लिखकर या मौखिक रूप से व्यक्त करते हैं, और उनकी मनोकामना पूरी होने पर वापस आकर धन्यवाद देते हैं।

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सांवलिया सेठ के चमत्कार


1. आकस्मिक धन प्राप्ति:

कई भक्तों ने यह दावा किया है कि सांवलिया सेठ की कृपा से उन्हें अचानक धन लाभ हुआ।


2. व्यापार में वृद्धि:

व्यापारी मानते हैं कि उनकी व्यवसायिक सफलता सांवलिया सेठ की कृपा से है।


3. भक्तों के कर्जमुक्त होने की कहानियां:

कई लोग बताते हैं कि सांवलिया सेठ की भक्ति से उनका आर्थिक संकट दूर हो गया।


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निष्कर्ष:


परिचय

सांवलिया सेठ जी का मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है और इसे भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इसे "कृष्ण का तीर्थ" भी कहा जाता है। सांवलिया सेठ जी भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। जनवरी का महीना यहां यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय है, क्योंकि इस दौरान मौसम ठंडा और खुशनुमा रहता है।


मंदिर का स्थान और पहुंच

सांवलिया सेठ जी मंदिर चित्तौड़गढ़ जिले के मण्डफिया गांव में स्थित है। यह मंदिर उदयपुर से करीब 80 किमी और चित्तौड़गढ़ से लगभग 45 किमी की दूरी पर है।


सड़क मार्ग: उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और आसपास के प्रमुख शहरों से बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।


रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ जंक्शन है।


हवाई मार्ग: सबसे निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में महाराणा प्रताप एयरपोर्ट है।


सांवलिया सेठ जी का महत्व

सांवलिया सेठ जी को धन और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना हमेशा पूरी होती है। यह मंदिर व्यापारियों और उद्योगपतियों के बीच विशेष रूप से प्रसिद्ध है।


मुख्य आकर्षण


1. मण्डफिया का मुख्य मंदिर: भगवान सांवलिया सेठ जी की सुंदर प्रतिमा यहां विराजमान है।


2. भक्तों के दान की अनोखी परंपरा: यहां बड़े पैमाने पर सोना, चांदी और नकद दान दिया जाता है।


3. मंदिर का उत्सव और सजावट: मंदिर को विशेष रूप से त्योहारों और जनवरी के ठंडे मौसम में सजाया जाता है।


4. आसपास के स्थल: आसपास के गांवों में भी सांवलिया सेठ जी के अन्य मंदिर हैं, जिन्हें "तीन धाम" कहा जाता है।


जनवरी में यात्रा का कारण

ठंडे मौसम में यहां घूमने का आनंद दोगुना हो जाता है।

श्रद्धालुओं की संख्या तुलनात्मक रूप से कम होती है, जिससे आप शांति से पूजा कर सकते हैं।

मंदिर की भव्यता और प्राकृतिक सुंदरता जनवरी में अपने चरम पर होती है।


आवास और भोजन

मंदिर परिसर के पास धर्मशालाएं और छोटे-बड़े होटल उपलब्ध हैं। यहां सादा और शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलता है। मण्डफिया में स्थानीय भोजन का स्वाद जरूर लें।


यात्रा के लिए सुझाव

1. मंदिर के समय का ध्यान रखें।

2. धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखें।

3. अपनी यात्रा के दौरान आरामदायक कपड़े पहनें।

4. परिवार और दोस्तों के साथ यात्रा का आनंद लें।

आवास और भोजन


आवास:

मंदिर परिसर के पास धर्मशालाएं और बजट होटल उपलब्ध हैं। चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में भी ठहरने के लिए होटल हैं।


धर्मशालाओं का खर्च: ₹200-₹500 प्रति रात।

बजट होटल: ₹1000-₹2000 प्रति रात।

बेहतर होटल: ₹3000-₹5000 प्रति रात।


भोजन:

मंदिर परिसर में शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलता है। स्थानीय राजस्थानी व्यंजन जैसे दाल-बाटी-चूरमा का स्वाद जरूर लें।

एक व्यक्ति का भोजन खर्च: ₹100-₹300।

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यात्रा का कुल खर्चा

1. आवागमन:


बस (चित्तौड़गढ़ से मण्डफिया): ₹50-₹150 (एक तरफ)।

टैक्सी: ₹1000-₹2000 (दोनों तरफ)।


ट्रेन (उदयपुर/चित्तौड़गढ़ से): ₹200-₹500।

फ्लाइट (दिल्ली/मुंबई से उदयपुर): ₹3000-₹5000।

2. आवास: ₹200-₹5000 प्रति रात।

3. भोजन: ₹300-₹500 प्रतिदिन।

4. दान और अन्य खर्चे: ₹500-₹1000।


कुल अनुमानित खर्चा:


बजट यात्रा: ₹2000-₹4000 प्रति व्यक्ति।

आरामदायक यात्रा: ₹6000-₹10000 प्रति व्यक्ति।


निष्कर्ष

सांवलिया सेठ जी मंदिर की यात्रा आपको भक्ति, शांति और धन की प्राप्ति का अनुभव कराएगी। जनवरी 2025 में इस पवित्र स्थल की यात्रा आपको जीवनभर याद रहने वाली आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करेगी।


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